नीले-नीले अंबर पर चाँद जब आए
प्यार बरसाए, हमको तरसाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए
नीले-नीले अंबर पर चाँद जब आए
प्यार बरसाए, हमको तरसाए
हो, ऊँचे-ऊँचे पर्वत जब चूमते हैं अंबर को
प्यासा-प्यासा अंबर जब चूमता है सागर को
प्यार से कसने को, बाँहों में बसाने को
दिल मेरा ललचाए, कोई तो आ जाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए
नीले-नीले अंबर पर चाँद जब आए
प्यार बरसाए, हमको तरसाए
हो, ठंडे-ठंडे झोंके जब बालों को सहलाएँ
तपती-तपती किरणें जब गालों को छू जाएँ
साँसों की गर्मी को, हाथों की नर्मी को
मेरा मन तरसाए, कोई तो छू जाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए
नीले-नीले अंबर पर चाँद जब आए
प्यार बरसाए, हमको तरसाए
हे, छम-छम करता सावन बूँदों के बाण चलाए
सतरंगी बरसातों में जब तन-मन भीग जाए
प्यार में नहाने को, डूब ही जाने को
दिल मेरा तड़पाए, ख़्वाब जगा जाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए
नीले-नीले अंबर पर चाँद जब आए
प्यार बरसाए, हमको तरसाए॥!!!