अल्लाह के बंदे - allah ke bande

टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा  
कि फिर जुड़ ना पाया  
लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा  
कि फिर उड़ ना पाया  

गिरता हुआ वो आसमां से  
आकर गिरा ज़मीन पर  
ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे  
वो कहता रहा मगर  

के अल्लाह के बंदे हंस दे, अल्लाह के बंदे  
अल्लाह के बंदे हंस दे  
जो भी हो, कल फिर आएगा  

खोके अपने पर ही तो  
उसने था उड़ना सीखा  
ग़म को अपने साथ में ले ले  
दर्द भी तेरे काम आएगा  

टुकड़े‑टुकड़े हो गया था हर सपना  
जब वो टूटा  
बिखरे टुकड़ों में अल्लाह की  
मरज़ी का मंजर पाएगा  

 

अल्लाह के बंदे हँसदे ,अल्लाह के बंदे 

जो भी हो वो आयेगा 

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